मनु भाकर: कैसे बनीं ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट?

मनु भाकर, भारत की एक मशहूर शूटर हैं, जिन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन किया है। मनु भाकर का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले में हुआ था। उनका परिवार हमेशा से खेलों में रुचि रखता था, जो उनके खेल करियर की नींव बनी। उन्होंने बहुत कम उम्र में ही शूटिंग में रुचि दिखानी शुरू कर दी थी। स्कूल के दिनों में ही उन्होंने कई खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।

खेलों में शुरुआती कदम

मनु भाकर ने अपने शूटिंग करियर की शुरुआत बहुत कम उम्र में की। शुरुआत में, उनके पास शूटिंग के लिए आवश्यक संसाधन नहीं थे, लेकिन उनकी लगन और दृढ़ संकल्प ने उन्हें आगे बढ़ाया। उन्होंने अपने पिता के सहयोग से स्थानीय स्तर पर प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। इस दौरान, उन्होंने कई संघर्षों का सामना किया, जैसे कि उपकरण की कमी और उचित प्रशिक्षण की अनुपस्थिति।  मनु ने अपनी खेल यात्रा की शुरुआत **बॉक्सिंग** और **किकबॉक्सिंग** से की, लेकिन जल्द ही उनकी रुचि **शूटिंग** में बदल गई। उन्होंने 14 साल की उम्र में शूटिंग करना शुरू किया और इसमें अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

 

करियर की शुरुआत

पहली प्रतियोगिताएं और सफलता

मनु भाकर ने 2016 में अपने करियर की शुरुआत की और मनु की पहली बड़ी सफलता तब आई जब 2017 में राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। इस सफलता ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और उन्हें भारतीय राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया। उनकी इस सफलता ने न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पहचान दिलाई।

अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत

मनु भाकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत एशियाई खेलों से की, जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में ही स्वर्ण पदक जीता और यह साबित कर दिया कि वे एक उभरती हुई शूटिंग स्टार हैं।

प्रमुख उपलब्धियाँ

  1. युवा ओलंपिक खेल 2018: मनु भाकर ने 2018 के युवा ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। इस जीत ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और भारतीय शूटिंग समुदाय में एक नई ऊर्जा का संचार किया।
  2. कॉमनवेल्थ खेल 2018: मनु ने 2018 के कॉमनवेल्थ खेलों में भी शानदार प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक जीता। इस जीत ने उन्हें भारतीय शूटिंग में एक नई पहचान दिलाई। इसके बाद मनु ने सौरभ चौधरी के साथ मिलकर नई दिल्ली में 2019 ISSF विश्व कप में भाग लिया और यह अब तक एक बहुत ही उपयोगी जोड़ी साबित हुई।
  3. आईएसएसएफ विश्व कप 2019: इस जोड़ी ने 2019 में तीनों आईएसएसएफ विश्व कप के मिक्स्ड डबल्स में स्वर्ण पदक जीते। वहीं चीन में विश्व कप फाइनल में मनु भाकर ने व्यक्तिगत और मिश्रित टीम इवेंट दोनों में स्वर्ण जीते।
  4. म्यूनिख विश्व कप 2019: मनु भाकर 2019 म्यूनिख विश्व कप में चौथे स्थान पर रही, इसके साथ ही उन्होंने ओलंपिक कोटा भी हासिल किया।
  5. टोक्यो ओलंपिक अभियान  2020: मिश्रित 10 मीटर पिस्टल – मनु भाकर ने साथी सौरभ चौधरी के साथ भागीदारी की। दोनों क्वालीफिकेशन के चरण 1 में शीर्ष पर रहने के बाद भी सातवें स्थान पर रहे। मनु भाकर का टोक्यो ओलंपिक अभियान 25 मीटर पिस्टल के साथ खत्म हुआ, जिसमें वह फाइनल में जगह बनाने से चूक गईं। टोक्यो 2020 के बाद, मनु भाकर लीमा में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में जूनियर विश्व चैंपियन बनीं और तब से उन्होंने लगातार जूनियर सर्किट में पदक जीते हैं, हालांकि, भारतीय निशानेबाज 2021 के बाद से सीनियर प्रतियोगिताओं में अपनी योग्यता के अनुरूप प्रदर्शन करने में असफल रही हैं
  6. आईएसएसएफ विश्व कप 2021: उन्होंने 2021 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण और रजत पदक और 25 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक हासिल किया, जिससे वह टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पदक की पसंदीदा में से एक बन गईं। हालांकि, खेलों में मनु का पदार्पण उनके अनुसार नहीं हुआ। युवा खिलाड़ी की पिस्टल ने 10 मीटर एयर पिस्टल योग्यता के बीच में एक रोड़ा विकसित किया, जिससे मनु को बंदूक ठीक करने के लिए प्रतियोगिता से दूर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। क्षतिग्रस्त टुकड़े को बदल दिया गया और मनु फायरिंग रेंज में वापस आ गई। लेकिन लय पहले ही टूट चुकी थी और उन्हे अपने बचे हुए 44 शॉट 36 मिनट में पूरे करने थे। युवा खिलाड़ी ने दबाव में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन फाइनल में जगह बनाने के लिए उनका शीर्ष आठ में आने के लिए पर्याप्त नहीं था।
  7. काहिरा विश्व चैंपियनशिप 2022: मनु भाकर ने 2022 काहिरा विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में रजत और हांगझोऊ में 2023 एशियाई खेलों में उसी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। लेकिन उनकी एकमात्र व्यक्तिगत सीनियर जीत महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में 2023 आईएसएसएफ विश्व कप सीरीज के भोपाल चरण में आई। इस प्रतियोगिता में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। हालांकि, युवा निशानेबाज ने चांगवान में एशियन शूटिंग चैंपियनशिप 2023 में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में पांचवें स्थान पर रहीं और भारत के लिए पेरिस 2024 ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया है।
  8. Paris olympics 2024: मनु भाकर और सरबजोत स‍िंह ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है. इसी के साथ भारत के पास अब दो पदक हो गए हैं. मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने ओह ये जिन और ली वोनहो को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता है. दोनों ने 16-10 से यह मैच जीता. मनु भारत की पहली ऐसी महिला बन गई है कि जो एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीत गई है.

Manu Bhakar

प्रशंसा और पुरस्कार

  • राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान: मनु भाकर को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है। उन्हें **अर्जुन पुरस्कार** से सम्मानित किया गया, जो भारत में खेल के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय मान्यता: मनु को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया और पदक जीते। उनका नाम दुनिया के शीर्ष शूटरों में शामिल है।

प्रशिक्षण और रणनीति

मनु भाकर के प्रशिक्षण में अनुशासन और कठोरता का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने अपने खेल को निखारने के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कोचों के साथ काम किया है। उनकी प्रशिक्षण रणनीति में मानसिक तैयारी, शारीरिक फिटनेस और तकनीकी कौशल का समन्वय होता है।

 

मनु भाकर का सामाजिक योगदान

मनु भाकर ने अपनी सफलता के साथ-साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी काम किया है। वे महिलाओं और बच्चों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई हैं। उन्होंने कई सामाजिक अभियानों में हिस्सा लिया है और लड़कियों की शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए काम किया है।

  1. खेल के माध्यम से सशक्तिकरण: मनु ने हमेशा खेल को एक साधन के रूप में देखा है जो व्यक्ति को सशक्त बनाता है। उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया है, जहां उन्होंने युवा लड़कियों को खेल में भाग लेने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है। उनका मानना है कि खेल न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को मजबूत बनाता है।
  2. पर्यावरण संरक्षण में योगदान: मनु भाकर ने पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर भी अपनी आवाज उठाई है। वे अक्सर पर्यावरणीय स्थिरता और स्वच्छता के बारे में बात करती हैं और लोगों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और हरित जीवनशैली अपनाने के लिए भी प्रचार किया है।

 

समाज में महिला सशक्तिकरण की दिशा में योगदान:

मनु भाकर ने न केवल खेल के क्षेत्र में बल्कि समाज में महिला सशक्तिकरण के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वे युवा लड़कियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनी हैं, जो उन्हें अपने जीवन में अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने विभिन्न मंचों पर महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के मुद्दों पर आवाज उठाई है।

  1. लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत: मनु भाकर की सफलता की कहानी उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो किसी भी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती हैं। उनकी कहानी यह दिखाती है कि एक लड़की किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती है, चाहे वह खेल हो, शिक्षा हो या कोई अन्य क्षेत्र। उन्होंने युवा लड़कियों को यह संदेश दिया है कि वे अपने सपनों को साकार कर सकती हैं और किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं।
  2. महिला सुरक्षा और अधिकार: मनु भाकर ने महिला सुरक्षा और अधिकारों के मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने समाज में महिलाओं की सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाने के लिए कई अभियान चलाए हैं। उनका मानना है कि समाज में महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना बहुत जरूरी है, ताकि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए स्वतंत्र रूप से काम कर सकें।

सफलता की कहानी

मनु भाकर की सफलता की कहानी न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्षों की कहानी है, बल्कि यह एक प्रेरणा भी है कि कैसे एक व्यक्ति कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि यदि हमारे पास दृढ़ निश्चय और कठोर परिश्रम हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

  1. परिवार का समर्थन: मनु भाकर का परिवार हमेशा उनके साथ खड़ा रहा है। उनके माता-पिता ने न केवल आर्थिक रूप से बल्कि भावनात्मक रूप से भी उनका समर्थन किया है। उनके पिता ने उन्हें शूटिंग में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया और उनकी हर जरूरत का ध्यान रखा।
  2. मनोवैज्ञानिक तैयारी: मनु भाकर का मानना है कि खेल में मानसिक तैयारी का बहुत महत्व है। उन्होंने अपने खेल जीवन में कई मानसिक चुनौतियों का सामना किया है और इन चुनौतियों का सामना करने के लिए उन्होंने योग, ध्यान और अन्य मानसिक तकनीकों का सहारा लिया है।

प्रेरणा और समर्पण

मनु भाकर की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और अनुशासन ने उन्हें एक सफल खिलाड़ी बनाया है और वे भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

  • युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा: मनु भाकर ने कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया है। वे नियमित रूप से युवा खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करती हैं और उन्हें खेल में सफल होने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। उनकी कहानी युवा खिलाड़ियों को यह विश्वास दिलाती है कि वे भी बड़े सपने देख सकते हैं और उन्हें पूरा कर सकते हैं।
  • सामाजिक जिम्मेदारियाँ: मनु भाकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति भी जागरूक हैं। वे अक्सर सामाजिक कार्यों में भाग लेती हैं और समाज के लिए अपना योगदान देती हैं। उन्होंने कई बार अपने पुरस्कार राशि का हिस्सा दान में दिया है और समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद की है।

आने वाले लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्धता

मनु भाकर का लक्ष्य सिर्फ खेल में ही नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना है। वे आने वाले ओलंपिक खेलों में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। इसके लिए वे अपनी तकनीक और कौशल को और भी निखार रही हैं।

  • तकनीकी सुधार: मनु भाकर ने अपने खेल में लगातार सुधार किया है। उन्होंने अपनी तकनीक को और भी बेहतर बनाने के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कोचों से प्रशिक्षण लिया है। वे नए तकनीकों को सीखने और उन्हें अपने खेल में लागू करने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं।
  • शारीरिक और मानसिक फिटनेस: मनु भाकर का मानना है कि एक खिलाड़ी के लिए शारीरिक और मानसिक फिटनेस दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने खेल करियर में योग, ध्यान और अन्य शारीरिक व्यायामों को शामिल किया है ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रह सकें।

 

मनु भाकर की कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणादायक यात्रा है जो हमें सिखाती है कि कठिनाइयों का सामना करते हुए भी हम अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और अनुशासन ने उन्हें न केवल एक सफल खिलाड़ी बनाया है बल्कि एक प्रेरणा भी। वे आने वाले समय में और भी बड़ी सफलताएँ हासिल करेंगी और भारतीय खेल जगत में अपना नाम और ऊँचा करेंगी।

 

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